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Breaking News: आम आदमी की जेब पर पड़ेगा बुरा असर, होगा ये सामान महंगा

Breaking News: देश में खुदरा महंगाई अपने चरम पर है. जनवरी 2023 में ये आरबीआई की 6 प्रतिशत की ‘लक्ष्मण रेखा’ को भी पार कर गई. अब आने वाले दिनों में आपकी जेब का बोझ और बढ़ सकता है
 
Breaking News: आम आदमी की जेब पर पड़ेगा बुरा असर, होगा ये सामान महंगा 

देश में खुदरा महंगाई अपने चरम पर है. जनवरी 2023 में ये आरबीआई की 6 प्रतिशत की ‘लक्ष्मण रेखा’ को भी पार कर गई. अब आने वाले दिनों में आपकी जेब का बोझ और बढ़ सकता है, क्योंकि खाने-पीने की पैकेज्ड चीजें, डेयरी उत्पाद, शराब, एयर कंडीशनर्स, रेफ्रिजरेटर्स, विदेशों से आयात किए जाने वाले कपड़े और कॉस्मेटिक्स इत्यादि सभी के दाम 10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं. लेकिन क्यों…?


दरअसल डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होते रुपये और कंपनियों की बढ़ती लागत ने उन्हें ऐसा करने पर मजबूर किया है. वह अपनी इस लागत का कुछ बोझ अब ग्राहकों पर डालने जा रही है.

1 या 2 महीने में दिखेगा बढ़े दामों का असर
कई बड़ी कंपनियों के टॉप एग्जीक्यूटिव्स का कहना है कि अगले 1 से दो महीने में 3 से 10 प्रतिशत कीमतें बढ़ाने का प्रस्ताव है. महंगाई ने अपने रिकॉर्ड लेवल को छुआ है, वहीं डॉलर के मुकाबले रुपया भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर आया है. इसके बावजूद ये बीते 2 साल में कीमतों में की जाने वाली सबसे कम बढ़ोतरी है.


कंपनी के टॉप एग्जीक्यूटिव्स का मानना है कि इससे सामान की खपत पर संभवतया असर नहीं पड़ेगा. वहीं सरकार की कोशिशें से कुल महंगाई दर में नरमी भी आने लगेगी.

डाबर से ब्रिटानिया तक का ये है कहना
बाजार में डिमांड को बनाए रखने के लिए कंपनियां ऊंची लागत के एक बड़े हिस्से का बोझ खुद उठा रही हैं. उद्योगों का अनुमान है कि ओवरऑल डिमांड में सुधरेगी, खासकर के ग्रामीण इलाकों में.

इसे बारे में डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा का कहना है कि कंपनी आने वाले दिनों में अपने उत्पादों की कीमत बढ़ाने की प्रक्रिया में है. इसकी वजह पहले लागत में लगने वाले सामान की महंगाई 4 से 5 प्रतिशत तक सीमित रहती थी, अब ये कुल मिलाकर 6.5 प्रतिशत हो गई है.

ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बैरी का कहना है कि खाद्य महंगाई दर उच्च स्तर पर बनी हुई है. वहीं गेहूं की कीमतों में भारी उछाल है. बीते दो साल में हमने महंगाई का जो स्तर देखा है, वैसे की उम्मीद नहीं थी. ब्रिटानिया अपने कुछ सामान की कीमत 2.5 से 3 प्रतिशत तक बढ़ाने जा रही है.

अक्टूबर से नवंबर के बीच दूध की कीमतें दो बार बढ़ी हैं. जबकि इस महीने की शुरुआत में हुई बढ़ोतरी को मिलाकर अब तक 8 से 9 प्रतिशत तक दाम बढ़ चुके हैं. इससे मक्खन, घी, चीज और आइसक्रीम जैसे उत्पाद महंगे हुए हैं.

अक्टूबर तक बढ़ सकते हैं दूध के दाम
मदर डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष बंदलिश का कहना है कि कच्चे दूध की कीमतें पूरी इंडस्ट्री में बढ़ी हैं. चारे की लागत बढ़ने दूध की खरीद महंगी हुई है. इसलिए उपभोक्ताओं के लिए दूध की कीमतें बढ़ानी पड़ी है और ये अक्टूबर तक जारी रह सकती है.

वहीं प्रीमियम इंपोर्टेड अपैरल और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की कीमतें कंपनियां 8 से 10 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं. इसके लिए एसी, फ्रिज और माइक्रोवेव में इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट की लागत भी बढ़ी है. ऐसे में इनकी कीमतें भी गर्मियों के मौसम में करेंट मार सकती हैं.

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