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Haryana के अधिकारियों का देखिये कमाल, शराब पीकर उड़ाया बच्चों के खाने का बजट

Haryana में बच्चों के खाने के लिए आए Budget से उन्हें शराब पिलाई गई. बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने शराब, बीयर, सोडा और पानी के बिल भी भरने के लिए File में शामिल कर दिये.
 
Haryana के अधिकारियों का देखिये कमाल, शराब पीकर उड़ाया बच्चों के खाने का बजट

पिछले साल 1 नवंबर को सोनीपत में हरियाणा दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में राज्यपाल व उनके अधिकारियों ने भी शिरकत की थी. फिलहाल इससे जुड़ा एक मामला चर्चा में है. जब यह मुद्दा गरमाया तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया. आइए आपको इस बारे में पूरी Information देते हैं.

बच्चों के खाने के लिए आए बजट से पिलाई शराब
दरअसल हरियाणा में बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों की तरफ से राज्यपाल के कार्यक्रम में आए अधिकारियों को शराब परोसने की पुष्टि की गई है. कार्यक्रम से पहले अधिकारी 31 October की रात को राई रेस्ट हाउस में ठहरे थे, वहां पर बच्चों के खाने के लिए आए Budget से उन्हें शराब पिलाई गई. बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने शराब, बीयर, सोडा और पानी के बिल भी भरने के लिए File में शामिल कर दिये. आप ये लेख haryanaupdate.com पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

जांच के लिए बनाई गई थी 3 Members की टीम 
शराब के साथ ही खाने के 10597 रुपये और 21463 रुपये के बिल भी Attach थे. इन बिलों को मंजूर कर DC आफिस भेजा गया था. बाल कल्याण परिषद की मानद सचिव रंजीता मेहता ने इस मामले में तीन सदस्यीय टीम बनाई थी जो जांच कर रही थी. पंचकूला के जिला बाल कल्याण अधिकारी भगत सिंह दलाल, पानीपत की जिला बाल कल्याण अधिकारी ऋतु राठी और जींद के जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल सिंगला की तरफ से जांच की गई थी.

बिल पास कराने के लिए फाइल से किए गए Attach
शासन की तरफ से जांच के लिए टीम भी बनाई गई है. अब जांच टीम की ओर से दी गई रिपोर्ट में इसके लिए चार अधिकारियों को जिम्मेदार बताया गया है तथा उन पर कार्रवाई की बात कही है. बाल कल्याण विभाग की File में एक बिल नंबर 012734 लगा हुआ था, यह Bill बहालगढ़ में स्थित एक शराब ठेके का था. उस वक्त के जिला बाल कल्याण अधिकारी नीलम, जिला प्रोग्राम अधिकारी संदीप कुमार, सहायक जिला बाल अधिकारी धर्मपाल व कोषाध्यक्ष ब्रह्म खत्री ने शराब के बिल पर Sign करके इसे पास कराने के लिए फाइल में ही लगा दिया था.

सभी चारों अधिकारी पाए गए हैं दोषी
उन्होंने फाइल में शराब के बिल लगे होने की बात को छुपा कर रखा तथा अपनी जांच Report उपायुक्त के पास भेज दीं. उपायुक्त ललित सिवाच ने इसकी जिम्मेदारी नगराधीश डा. अनमोल की अध्यक्षता में बनाई गई Committee को दें दीं. डा. अनमोल, नगराधीश व अध्यक्ष जांच कमेटी का कहना है कि हमने जांच पूरी करके रिपोर्ट उपायुक्त को दें दीं है. फाइल में शराब के बिल लगाए गए हैं इस मामले में बिल पास करने वाले चारों अधिकारी दोषी पाए गए है. दो अधिकारियों पर उपायुक्त Level से और दो पर प्रशासन की तरफ से कार्यवाही की जाएगी.

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