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भारत की मिसाइलस खरीदेगा रूस, वजह सुनकर आपके पैरो तले ज़मीन खिसक जाएगी

रूस-यूक्रेन युद्ध ने मास्को के हथियारों के जखीरे को काफी प्रभावित किया है। रूस पर अमेरिका और यूरोपीय देशों ने लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूस की सेना अपने हथियारों को और अधिक मजबूत नहीं कर पा रही है। देश के रक्षा विशेषज्ञों का मत है कि यूक्रेन युद्ध ने रूस को ब्रह्मोस मिसाइल की जरूरत बना दी है।
 
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साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल बनाने वाली कंपनी के सीईओ ने कहा कि वे रूस को मिसाइल खरीदने का एक बाजार मानते हैं।


रूस क्या आवश्यकता होने पर भारत से मिसाइल खरीदेगा?
यूरेशियन टाइम्स ने कहा कि भारत रूस को ब्रह्मोस मिसाइलें बेचने पर विचार कर रहा है, जो दो पुराने रणनीतिक सहयोगियों के बीच संभावित भूमिका में बदलाव को दिखाता है। इसका कारण यह था कि भारत अभी भी रूस से हथियार खरीदता था। भारत और रूस ने मिलकर यह खतरनाक हथियार बनाया है।

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साथ ही, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल दिनकर राणे ने 'द वीक' को बताया कि उनकी कंपनी रूस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए एक संभावित बाजार के रूप में देख रही है। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रूस फिलहाल इससे बेहतर विकल्प नहीं है।


रूस इसका उपयोग कैसे कर सकता है?

विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रूस ने इसे पहले खरीदा होता तो यूक्रेन युद्ध में इसका उपयोग करने के लिए बहुत कुछ होता। कम्पनी के सीईओ का मानना है कि यूरोप में मौजूदा परिस्थितियों के चलते, उन्हें रूस से कुछ आदेश मिल सकते हैं, खासकर हवा से लैस ब्रह्मोस मिसाइल के लिए।

माना जाता है कि रूस हमारी ब्रह्मोस को P-800 ओनिक्स मिसाइल की तरह प्रयोग कर सकता है। P-800 एक जहाज रोधी मिसाइल है जिसे यूक्रेन और सीरिया में जमीनी लक्ष्यों को मारने के लिए बनाया गया है।