logo

RBI Loan Guideliness : RBI ने पर्सनल लोन लेने वालों की बढ़ाई टेंशन, EMI में देने होंगे अब ज्यादा पैसे

Personal Loan News : आरबीआई ने पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए देश में पर्सनल लोन में बढ़ोतरी पर चिंता जताई थी और कहा था कि बैंकों को अपने स्तर पर इसे कम करने की कोशिश करनी चाहिए। हालाँकि बैंक ऐसा करने में असमर्थ दिखे, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज नियमों को सख्त करने का निर्णय लिया। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 
RBI Loan Guideliness : RBI ने पर्सनल लोन लेने वालों की बढ़ाई टेंशन, EMI में देने होंगे अब ज्यादा पैसे 
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Haryana Update, RBI News : आरबीआई ने पिछले महीने मौद्रिक नीति पेश करते हुए देश में बढ़ते पर्सनल लोन को चिंता जताई और कहा कि बैंकों को अपने स्तर पर ही इसे कम करने की कोशिश करनी चाहिए।

लेकिन बैंकों ने ऐसा नहीं किया, इसलिए गुरुवार को आरबीआई ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं जो बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को पर्सनल लोन के लिए अधिक राशि का समायोजन करना होगा।

नियम इन पर लागू नहीं होगा

यह नियम आवास, शिक्षा, वाहन और सोना के एवज में दिए गए लोन पर लागू नहीं होगा।
यह भी हो सकता है कि पर्सनल लोन पर ब्याज दरें बढ़ सकती हैं और ग्राहकों को अधिक मासिक किस्त चुकानी पड़ सकती है।
विशेष सुरक्षा के बिना व्यक्तिगत लोन देने की प्रथा को आरबीआई का यह कदम रोक सकता है।

क्या नया नियम है?

आरबीआई ने सभी वाणिज्यिक बैंकों को जोखिम समायोजना का स्तर 100 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है, वाहन, शिक्षा और आवासीय लोन के अलावा अन्य सभी व्यक्तिगत लोन के लिए।

Bank Holiday list : बैंक से जुड़े काम आज ही निपटा लें, कुछ दिन बाद लगातार बंद रहेंगे बैंक

बैंकों को अभी उक्त श्रेणी का कर्ज देने के बदले उनके खाता-बही में सौ फीसद राशि समायोजन करना पड़ता है। लोन के जोखिम को देखते हुए यह किया जाता है।

क्योंकि ग्राहक को पर्सनल लोन के बदले आम तौर पर कोई गारंटी नहीं मिलती है हाल ही में इसकी भारी वृद्धि ने केंद्रीय बैंक को चिंतित कर दिया है।

एनबीएफसी पर्सनल लोन अधिक बाँट रहे हैं

आरबीआई को एनबीएफसी से भी बहुत अधिक पर्सनल लोन बगैर गारंटी के दिए गए हैं। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, अब नए निर्देश जारी किए गए हैं।

एनबीएफसी ने कहा कि कर्ज देने के लिए 100 फीसद बराबर राशि का समायोजन करना होगा। अब इसे 125 प्रतिशत कर दिया गया है।

आंकड़े क्या बताते हैं?

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त, 2023 में भारत के वाणिज्यिक बैंकों में 47.40 लाख करोड़ रुपये का कुल पर्सनल लोन था। अगस्त 2022 में यह 36.47 लाख करोड़ रुपये था।

स्थाई जमा स्कीमों, शेयरों और अन्य निवेश परिपत्रों के बदले लोन देने में वृद्धि हुई है। इसी तरह, क्रेडिट कार्ड से कर्ज लेने की रकम भी काफी बढ़ी है।