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Property Rules : कब्जे वाली जमीन को छुड़वाएँ आसानी से, जान लें कोर्ट के नए नियम

Court Rules : आजकल ज़बरदस्ती प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा करने (property possession) के मामले काफी बढ़ गए हैं, जिससे प्रॉपर्टी के मालिक (property dispute) को काफी दिक्क्त होता है. हालांकि, अगर आपकी संपत्ति पर किसी ने कब्ज़ा कर लिया है, तो कानून आपकी मदद करेगा। 

 
Property Rules : कब्जे वाली जमीन को छुड़वाएँ आसानी से, जान लें कोर्ट के नए नियम 
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Haryana Update : अवैध कब्जा (property possession) घरों और जमीन पर पुराना है। यह कई सालों से चल रहा है। हालाँकि, अब सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन पूरे किए जाते हैं, इससे कई राज्यों में यह समस्या समाप्त हो गई है। लेकिन हर दिन हमें अवैध कब्जे (property possession) पर विवाद सुनने को मिलता है। यदि कोई अवैध रूप से संपत्ति पर कब्जा कर लेता है, तो इससे संपत्ति विवाद नहीं होता। कब्जा छुड़वाना बहुत आसान है अगर आप चाहते हैं। सरकारी तंत्र खुद इस मामले में मदद करता है, लेकिन बहुत से लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है। यदि आप इसे जान लेंगे, तो आप खुद को कभी ऐसी परेशानियों में नहीं डाल देंगे और दूसरों को भी इस तरह की परेशानियों से बचाएँगे।

पीड़ित को बताना चाहिए कि वह सिविल या आपराधिक मुकदमे दर्ज करने का विकल्प रखता है। हिंसा से देर भली है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया कुछ लंबी हो सकती है। आज हम आपको संपत्ति पर अवैध नियंत्रण को हटाने के लिए लागू किए जाने वाले कुछ कानूनों के बारे में बता रहे हैं। इसकी पहली तीन धाराएं आपराधिक कानून से संबंधित हैं, जबकि अंतिम धारा सिविल कानून से संबंधित है।


IPC की धारा 420
यह धारा काफी चर्चा में है। धोखाधड़ी में अक्सर इसका उपयोग किया जाता है। ये कानून लागू किए जा सकते हैं अगर बलपूर्वक किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से हटाया गया है। इसे किसी भी पीड़ित को पहले इस्तेमाल करना चाहिए।


IPC की धारा 406

यह कानून तब लागू होता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति में चोट करता है। इसे संगीन अपराध भी कहा जाता है। इस धारा के तहत पीड़ित व्यक्ति अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर सकता है।

धारा 467

यह कानून लागू होता है अगर फर्जी दस्तावेजों से संपत्ति चुरा ली जाती है। कूटरचना कानून भी इसका नाम है। इसमें कूटनीति के माध्यम से फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति हथियाने के मामले को हल किया जाता है।

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स्पेसिफिक रिलीफ अधिनियम

ये सिविल नियम है। इसका उपयोग विशिष्ट परिस्थितियों में किया जाता है। इसमें कोई धोखाधड़ी या फर्जी दस्तावेज नहीं बनाए जाते। पीड़ित की संपत्ति पर अकारण कब्जा करना ही आरोपी का काम है। धारा 6 पीड़ित को जल्दी और आसानी से न्याय देने की कोशिश करता है। हालाँकि, इस कानून का एक पेंच है कि गिरफ्तार होने के छह महीने के अंदर ही मुकदमा दर्ज होना चाहिए। दूसरा पेंच यह है कि आप इसके तहत सरकार पर मुकदमा नहीं कर सकते।

आप इनमें से किसी का भी उपयोग कर सकते हैं। यदि आप गलत नहीं हैं, तो सरकार आपकी मदद करेगी और आपको जमीन या संपत्ति मिलेगी। इस तरह के मामलों में आपको भी पेशेवर वकील से परामर्श लेना चाहिए।