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Metro In Haryana: हरियाणा में दौड़ती नजर आएंगी मेट्रो, प्रस्ताव को मिली मंजूरी, सरकार ने दी बड़ी अपडेट

ट्राइसिटी मतलब चंडीगढ़ में बनने वाले मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर बुधवार को चंडीगढ़ में एक बैठक हुई थी. इस बैठक में हरियाणा और पंजाब ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में कुछ बदलाव का सुझाव दिया था. इस सुझाव को स्वीकृति मिल चुकी है

 
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 ट्राईसिटी के करीब 25 लाख लोगों के लिए खुशखबरी है। करीब 16 साल के लंबे इंतजार के बाद चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला से जुड़े मेट्रो प्रोजेक्ट पर सभी पक्षों के बीच सहमति बन गई है। इसके लिए तैयार कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) को लेकर बुधवार को चंडीगढ़ सचिवालय में हुई बैठक में प्रोजेक्ट पर पंजाब और हरियाणा सरकार ने मुहर लगा दी।

बुधवार को यूटी प्रशासन की पंजाब-हरियाणा के अधिकारियों संग बैठक हुई। रेलवे, एयरोपोर्ट और एयरफोर्स से जुड़े अधिकारियों को भी बैठक में बुलाया गया था। हरियाणा ने पहले चरण में मेट्रो को पंचकूला के सेक्टर-20 तक चलाने की मांग रखी है,

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तो पंजाब सरकार ने मुल्लांपुर (मोहाली) तक कवर करने का सुझाव दिया है। प्रोजेक्ट तैयार करने वाली राइट्स कंपनी ने बैठक में प्रेजेंटेशन दी। अब हफ्ते भर में प्रोजेक्ट की फाइल पंजाब-हरियाणा के सुझाव को रिपोर्ट में शामिल कर केंद्र सरकार के पास अप्रूवल के लिए भेजी जाएगी।

गौरतलब है कि मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर 16 मार्च को यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की अध्यक्षता में हुई बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई थी। यूटी एडवाइजर धर्मपाल की अध्यक्षता में केवल आधे घंटे तक चली बैठक में सर्वसम्मति से मेट्रो प्रोजेक्ट पर हामी भर दी गई।

राइट्स कंपनी की ओर से मेट्रो प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तैयार की गई है। ट्राईसिटी में प्रोजेक्ट पर अनुमानित लागत करीब 7600 करोड़ रुपये आएगी। इस तरह यूटी के साथ ही पंजाब और हरियाणा को मिलकर करीब 7600 करोड़ जुटाने होंगे। इसमें से पंचूकला और मोहाली का एरिया 80 प्रतिशत रहेगा।

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पंजाब ने एक महीने बाद भेजी रिपोर्ट

पंजाब सरकार की ओर से पूरे एक महीने बाद सीएमपी को लेकर सुझाव यूटी प्रशासन को भेजे गए। प्रस्ताव में एयरपोर्ट से एयरपोर्ट चौक को पहले फेज में शामिल करने, गुरुद्वारा साहिब सिंह शहीदा से मोरिंडा (वाया) नार्थ कंट्री माल के 25 किलोमीटर एरिया को फेज दो में शामिल करने को कहा गया है।

पंजाब ने सीएमपी में मोहाली में पार्किंग मैनेजमेंट प्लान को कमर्शियल एरिया,इंस्टीट्यूट और हास्पिटल एरिया में भी लागू करने की सिफारिश की गई है। उधर हरियाणा की ओर से भेजी रिपोर्ट में भी 16 मार्च को हुई बैठक के सुझावों को शामिल किया गया है।

मेट्रो प्रोजेक्ट का अब तक का सफर

2008 मिनिस्ट्री आफ अर्बन डेवलेपमेंट की ओर से चंडीगढ़ के लिए मेट्रो को अप्रूवल दी गई। 2009 राइट्स ने सीएमपी प्लान को यूटी प्रशासन को जमा कर दिया। 2010 यूटी प्रशासन ने प्रोजेक्ट डीएमआरसी को सौंप दिया। 2017 मेट्रो को ट्राईसिटी के लिए कैंसिल कर दिया गया।

2019 यूटी ने फिर से प्रोजेक्ट के लिए रिवाइज कोआर्डिनेशन कमेटी गठित की। 2022 राइट्स कंपनी ने कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान का ड्राफ्ट सौंप दिया। 2023 यूटी ने पंजाब और हरियाणा सरकार को ड्राफ्ट पर कमेंट मांगे। 2023 -16 मार्च को यूटी प्रशासक की अध्यक्षता में पंजाब हरियाणा ने प्रस्ताव पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।

न्यू चंडीगढ़ से पंचकूला एक्सटेंशन तक होगा पहले चरण का विस्तार

मेट्रो प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा होगा। बैठक में मेट्रो को लेकर हरियाणा मास रेपिड ट्रांसजिट कारपोरेशन (एचएमआरटीसी) डायरेक्टर ने सुझाव दिया कि मेट्रो कोरिडोर को शहीद ऊधम सिंह चौक(आइएसबीटी) पंचकूला से पंचकूला एक्सटेंशन तक पहले ही फेज में तैयार किया जाए। प्रोजेक्ट में इसे दूसरे फेज में शामिल किया गया था।

यूटी प्रशासक के सलाहकार डा. धर्ममाल ने बताया कि बैठक में सभी पक्षों के बीच सहमति बनी। दोनों राज्यों की तरफ से दिए गए सुझावों को संसोधित रिपोर्ट में शामिल कर जल्द ही इसे केंद्र सरकार के पास भेज दिया जाए। राइट्स को ट्राईसिटी में एमआरटीएस को लेकर अल्टरनेटिव अनालिसिस रिपोर्ट(एएआर) और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट(डीपीआर) तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रोजेक्ट बहुत ही सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ रहा है। मेट्रो ट्राईसिटी की जरुरतों को पूरा करेगी।