Haryana News : ई टेंडरिंग मामले को लेकर फिर बोखलाए सरपंच, सरकार ने उठाया सख्त कदम
सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणबीर समैण की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस कार्यक्रम का विरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
ई टेंडरिंग प्रणाली को लेकर राज्यभर के सरपंच जनवरी से सरकार से नाराज़ हैं। उन्हें पूर्ण पंचायती राज कानून को लागू करने की मांग है, साथ ही गांव के विकास के लिए शुरू की गई ई-टेंडरिंग प्रणाली को वापस लेने की भी मांग है। वहीं, सरपंचों ने अब विकास कार्यों के लिए सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को ग्राम अनुदान देने के निर्णय को रद्द करने की एक और मांग की है।
क्या है ई टेंडरिंग प्रणाली? हरियाणा में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए सरकार ने इसे बनाया है। इसके तहत, दो लाख रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए ई-टेंडरिंग प्रदान की जाएगी। फिर गांव का विकास किसी अधिकारी या ठेकेदार से किया जाएगा। वहीं, सरपंच शासन को विकास कार्यों के बारे में बताएंगे। ई-टेंडरिंग के माध्यम से सरकार ठेकेदारों से विकास कार्य करवाएगी। सरकार का दावा है कि इस व्यवस्था से भ्रष्टाचार कम होगा।
सरपंचों ने इस प्रणाली को गलत बताया है क्योंकि इससे गांवों में विकास कार्यों में बाधा होगी। इसके तहत, सरपंच केवल 2 लाख रुपए तक का काम करवा सकते हैं, जो पर्याप्त नहीं है। इस व्यवस्था से गांवों में विकास कार्य रुक जाएंगे। विकास कार्यों में गुणवत्ता पर सवाल खड़े होंगे क्योंकि ठेकेदार गलत काम कर निकल जाएंगे और सरपंच को जिम्मेदारी दी जाएगी।