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Haryana Aaj ka Gehun rate: हरियाणा में गेहूं का आज का ताज़ा रेट, जानिए

हरियाणा की मंडियों (Haryana Aaj ka Gehun rate) में आए दिन गेहूं और सरसों के भावों के रिकॉर्ड बन रहे हैं. आज की इस खबर में हम आपको हरियाणा राज्य की प्रमुख मंडियों में गेहूं के क्या भाव (Haryana Gehu Bhav Today) है.  इस बारे में जानकारी देंगे.
 
Haryana Aaj ka Gehun rate:  हरियाणा में गेहूं का आज का ताज़ा रेट, जानिए 

Haryana Aaj ka Gehun rate :- मौजूदा समय में हरियाणा के लगभग सभी मंडियों में व्यापार अच्छा खासा चल रहा है. अबकी बार फसलों की आवक और भावो में भी चमक दिखाई दे रही है. बता दे कि रबि की कई फसलों में भी तेजी बनी हुई है. इन दिनों हरियाणा की मंडियों (Today Gehu Price In Haryana) में आए दिन गेहूं और सरसों के भावों के रिकॉर्ड बन रहे हैं. आज की इस खबर में हम आपको हरियाणा राज्य की प्रमुख मंडियों में गेहूं के क्या भाव (Haryana Gehu Bhav Today) है.  इस बारे में जानकारी देंगे. आप ये लेख haryanaupdate.com पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

जानिए गेहूं की फसल से जुड़ी कुछ जरूरी बातें
खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही किसान रबी फसलों की तैयारी भी शुरू कर देते हैं. गेहूं की फसल रबि की प्रमुख फसलों में से एक है. इसके लिए किसानों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रख के ही इस फसल का Production करना होता है. बता दे कि भारत ने पिछले 4 दशकों में गेहूं (Haryana Gehu Bhav Today) उत्पादन (Wheat Production In India) में उपलब्धि हासिल की है. जहां साल 1964- 65 में गेहूं का उत्पादन महज 12.26 मिलियन टन था, जो आज बढ़कर इस से कई गुना ज्यादा यानि करीब 100 M टन के पास पास हो गया है. भारत की जनसंख्या को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा प्रदान करने के लिए गेहूं के उत्पादन एवं उत्पादकता में निरंतर वृद्धि होने की आवश्यकता भी है.

Haryana Gehu Bhav Today(Haryana Aaj ka Gehun rate)
सिंचित व समय से बीजाई के लिए डीबीडब्ल्यू 303, डब्ल्यूएच 1270, पीबीडब्ल्यू 723 और सिंचित व देर से बुवाई के लिए डीबीडब्ल्यू 173, डीबीडब्ल्यू 71, पीबीडब्ल्यू 771, डब्ल्यूएच 1124, डीबीडब्ल्यू 90 व एचडी 3059 की बुवाई कर सकते हैं. जबकि अधिक देरी से बुवाई के लिए एचडी 3298 किस्म की पहचान की गई है. सीमित सिंचाई व समय से बुवाई के लिए डब्ल्यूएच 1142 किस्म (Today Gehu Rate In Haryana) को अपनाया जा सकता है. जब भी किसान गेहूं (Haryana Gehu Bhav Today) की बुवाई करते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि वह 15 से 20 दिन पहले ही खेत तैयार करते समय 4 से 6 टन / प्रति एकड़ की दर से गोबर की खाद का प्रयोग करें, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है. इससे Production भी काफी अच्छा होता है.

साल 2025 तक इतने मिलियन टन गेहूं की होंगी आवश्यकता 
एक Report में किए गए दावे के अनुसार साल 2025 तक भारत की कुल आबादी 1.4 बिलियन होंगी. इस वजह से साल 2025 आते-आते भारत में गेहूं (Haryana Gehu Bhav Today) की अनुमानित मांग भी लगभग 117 मिलियन टन के आसपास पहुंच जाएगी. भारत इस लक्ष्य को पार करने के बिल्कुल करीब खड़ा हुआ है. इसके लिए कई (Today Gehu Price) नई तकनीकों से भी खेती की जा रही है. नई किस्मों का विकास तथा उनका उच्च उर्वरता की दशा में परीक्षण से अधिकतम उत्पादन क्षमता भी प्राप्त की जा सकती है.

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सिंचाई करते समय इन जरूरी बातों का रखें ध्यान
यदि सिंचाई के लिए जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाता है, तो पहली सिंचाई 21 दिनों पर इसके बाद 20 दिन के अंतराल पर अन्य पांच सिंचाई की जाती है. आजकल सिंचाई के लिए कई प्रकार की नई तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है इसमें फव्वारा विधि और टपका विधि भी शामिल है. जिन इलाकों में पानी कम है, वहां इन सिंचाई विधियों का इस्तेमाल किया जाता है. जहां पर (Gehu Price In Haryana) जल की मात्रा अच्छी है, वहां इन तकनीकों को अपनाकर जल के संचय पर जोर दिया जाता है,  ताकि अच्छी उपज प्राप्त की जा सके. सिंचाई की इन तकनीकों पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की तरफ से Subsidies के रूप में अनुदान राशि भी उपलब्ध करवाई जाती है. किसान भाइयों को इन योजनाओं का लाभ लेकर सिंचाई जल प्रबंधन के राष्ट्रीय दायित्व का भी निर्वहन करना चाहिए.

इस प्रकार सिंचाई करने से बढ़ता है फसलों का उत्पादन
यदि आप चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में गेहूं (Haryana Aaj ka Gehun rate) का उत्पादन हो, तो इसके लिए जरूरी है कि फसल की पांच से 6 बार सिंचाई भी की जाए. पानी की उपलब्धता मिट्टी के प्रकार पर निर्भर करती है, यानी कि हम कह सकते हैं कि आप जिस क्षेत्र में गेहूं का उत्पादन करते हैं. (Gehu Latest Mandi Rate In Haryana)वहां की परिस्थितियों पर ही डिपेंड करता है कि आपको गेहूं की फसल की सिंचाई कितनी करनी होगी. गेहूं की फसल के जीवन चक्र में तीन अवस्थाएं होती है, जिसमें पहली अवस्था चंदेरी जड़े जो 21 दिन में निकल जाती है. इसके बाद दूसरी पहली गांठे बनना इसमें 65 दिन का समय लगता है. तीसरी अवस्था दाना बनना, जिसमें 85 से 90 दिनों का समय लगता है.

इस प्रकार गेहूं को कीट लगने से बचाया जा सकता है 
सही समय पर सिंचाई करने के बाद गेहूं (Haryana Gehu Bhav Today) के दाने पककर सख्त हो जाते हैं. यदि उनमे नमी की मात्रा 20% से कम हो जाए, तो कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई मढाई एवं ओसाई एक साथ ही की जा सकती है. बता दे कि ज्यादा उपज देने वाली नवीनतम प्रजातियों के प्रयोग से लगभग 70 से 80 क्विंटल / हेक्टर उपज प्राप्त की जा सकती है. (Gehu Today Rate In Haryana) भंडारण से पहले ही दोनों को अच्छी प्रकार से सूखा लिया जाता है ताकि औसतन नमी 10 से 12% ही रहे. टूटे हुए व कटे-फटे दोनों को अलग कर देने से भी कीटों के नुकसान से अनाज को बचाया जा सकता है. अनाज को कीटों से बचाने के लिए लगभग 10 क्विंटल अनाज में एक टिकिया एलुमिनियम फास्फाइड की रख दे. ऐसा करने से आपका अनाज कीटो से एकदम सुरक्षित रहेगा.

भारत में क्यों बढ़ रही है गेहूं की कीमतें
जहां आमतौर पर हर साल भारत में गेहूं का उत्पादन बढ़ रहा है, इसके विपरीत फिर भी इसकी कीमतों में कमी नहीं आ रही. क्या आपने कभी इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है, नहीं तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि गेहूं का उत्पादन बढ़ने के बाद आखिर फिर क्यों इसकी कीमतों (Gehu Rate In Haryana ) में वृद्धि हो रही है.  2021-22 के फसल सीजन में 106.84 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ, जो साल 2021 के 109.59 मिलियन टन से कम है. इससे सरकार की खरीद नीति पर भी प्रभाव देखने को मिला, क्योंकि यह 15 साल के निचले स्तर पर थी. सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि गेहूं के उत्पादन लागत में कमी ना आए क्योंकि यदि ऐसा जारी रहा तो गेहूं की कीमतें (Haryana Aaj ka Gehun rate) काफी बढ़ सकती है. इसकी प्रमुख वजह यह भी है कि किसानों ने सरकार की तुलना में अपने उत्पादन को बाजार में अधिक कीमत पर बेचने को प्राथमिकता दी है.

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