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UP में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका, अब महंगी होगी बिजली, जानिए पूरी डिटेल

UP News: आपको बता दें, की बिजली कंपनियों ने बिजली दरों का प्रस्ताव नहीं भेजा है, लेकिन 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घाटा दिखाते हुए आयोग से निर्णय लेना चोर दरवाजे से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की ओर संकेत करता हैं, जानिए पूरी डिटेल। 

 
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Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की यूपी बिजली की लागत बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। बिजली कंपनियों ने अगले वित्तीय वर्ष में विद्युत दरों में भारी वृद्धि करने की योजना बनाई है। विद्युत नियामक आयोग में गुरुवार को देर शाम दाखिल की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता (AAR) इसी ओर संकेत करती है। बिजली कंपनियों ने पहले की तरह बिजली दरों का टैरिफ नहीं देते हुए मात्र 11 से 12 हजार करोड़ रुपये का घाटा बताया है। यह स्पष्ट है कि पिछले दरवाजे से बिजली दरों में 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जा सकती हैं। 

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प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों ने वर्ष 2024-25 के लिए लगभग 1 लाख 1 हजार करोड़ रुपये का आरआर प्रस्तुत किया है। गुरुवार को टैरिफ कानून के तहत इसे दाखिल करने का अंतिम दिन था। लाइन हानियों का 13.6% यह प्रस्ताव है। साथ ही, लगभग 1 लाख 45 हजार मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता बताई गई हैं, इसलिए कुल लागत 80 से 85 हजार करोड़ रुपये होगी। वहीं, 2023-24 में लगभग 92547 करोड़ की वार्षिक राजस्व आवश्यकता दी गई।

पिछले साल 9124 करोड़ का घाटा दिखाया
बिजली कंपनियों ने बिजली दरों का प्रस्ताव नहीं भेजा है, लेकिन 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घाटा दिखाते हुए आयोग से निर्णय लेना चोर दरवाजे से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की ओर संकेत करता है। वास्तव में, बिजली कंपनियों ने पिछले वर्ष भी 9124 करोड़ रुपये का घाटा बताते हुए अपना आरआर दाखिल किया था।

बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरपी सिंह के निर्देश पर बिजली दरों में 15 से 25 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। इस बार घाटा पहले से अधिक 11 हजार करोड़ से अधिक है, इसलिए वृद्धि 15 से 30 प्रतिशत की संभावना हैं।

बिजली कंपनियां पहले उपभोक्ताओं को सरप्लस धन दें: गर्म
इसे लेकर विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आपत्ति व्यक्त की है। उनका दावा था कि राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं से बिजली कंपनियों पर लगभग 33122 करोड़ रुपये का सरप्लस निकल रहा है। इसलिए, उपभोक्ता परिषद ने जनहित प्रस्ताव में बिजली दरों में कमी का मुद्दा उठाया है। उनका कहना था कि बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की जा सकती अगर उपभोक्ताओं का सरप्लस धन बराबर किया जाए।

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